आज के डिजिटल युग
में मोबाइल फोन हर उम्र के व्यक्ति के लिए जरूरी बन चुका है। हालांकि, जहां यह तकनीक कई सुविधाएं
लेकर आई है, वहीं बच्चों के लिए
यह नुकसानदायक भी साबित हो रही है। आइए जानें कि बच्चों को मोबाइल फोन देने के
क्या-क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं:
मोबाइल स्क्रीन से
निकलने वाली ब्लू लाइट बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। लंबे समय तक
स्क्रीन देखने से आंखों में जलन, धुंधलापन और कमजोर दृष्टि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मोबाइल पर घंटों
बिताने से बच्चे शारीरिक रूप से कम सक्रिय हो जाते हैं, जिससे मोटापा, कमज़ोर हड्डियाँ और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
हो सकती हैं।
मोबाइल की लत बच्चों
में चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी, बेचैनी और अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।
बच्चे मोबाइल का
इस्तेमाल सोने से पहले भी करते हैं, जिससे उनकी नींद प्रभावित होती है। कम नींद से थकावट,
चिड़चिड़ापन और सीखने की
क्षमता में कमी आती है।
मोबाइल में व्यस्त
रहने से बच्चे अपने परिवार और दोस्तों से दूरी बनाने लगते हैं, जिससे उनमें सामाजिक कौशल की
कमी हो जाती है।
बच्चों को यदि बिना
निगरानी के मोबाइल दिया जाए, तो वे इंटरनेट पर अशोभनीय या हिंसक सामग्री तक पहुंच सकते हैं, जो उनके मानसिक विकास को प्रभावित
कर सकता है।
मोबाइल का अत्यधिक
उपयोग बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भटका देता है। गेम्स, सोशल मीडिया और वीडियो बच्चों की पढ़ाई का समय खा
जाते हैं, जिससे उनका प्रदर्शन
गिर सकता है।
मोबाइल फोन एक
उपयोगी साधन है, लेकिन बच्चों के लिए इसकी सीमित और नियंत्रित उपयोग ही लाभदायक है। माता-पिता
को चाहिए कि वे बच्चों की गतिविधियों पर निगरानी रखें और उन्हें मोबाइल के साथ-साथ
प्राकृतिक खेल, पढ़ाई और सामाजिक बातचीत की ओर भी प्रेरित करें।
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